रसायनों का उपयोग कर गेहू को पकाया जाता है तो उनको खाने से ये बीमारिया होती है
ग्लाइसोफेट एलर्जी: इस हर्बिसाइड से अलर्जी की समस्या हो सकती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस: ज्यादा खाद और कीटनाशक का उपयोग करने से आपके शरीर के अंदर इंसुलिन निर्माण में कमी हो सकती है और यह आपके शरीर को डायबिटीज के लिए अधिक संवेदनशील बना सकती है, रसायन से बनी गेहूं में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो मधुमेह के लिए खतरा है।
श्वसन रोग: कीटनाशकों और खादों के उपयोग से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कैंसर: कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि ज्यादा खाद और कीटनाशक का उपयोग करने से कैंसर के खतरे में वृद्धि होती है, रसायनों से भरी खाद का उपयोग करके पैदा की गई गेहूं या अन्य फसलों में जानलेवा रसायनों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं।
थायराइड रोग: गेहूं में मौजूद थायरोइड सुप्रसिद्ध एंटीन्यूट्रिएंट की मात्रा ज्यादा हो सकती है जो थायराइड के रोगों के लिए हैं।
हृदय रोग: रसायन से बनी गेहूं में मिलावट होती है, जिसमें ट्रांस-फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएँ: रसायन से बनी खाद में पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है और इसमें अन्य हानिकारक रसायन भी होते हैं, जिससे पेट संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं।
इसलिए, बेहतर होगा कि आप पोषक तत्व से भरपुर, प्राकृतिक तारिके से उपाय गए गेहु और अन्य फसल को खाए और केमिकल वाले फसल का सेवन कम से काम करे।